सोखी
बुरके में छिपे शक्स से बोला ,शक्ल दिखाइये।
सोखी देखिये ,बोली चाँद देखिये ॥
जब बोला दो एक तस्बीर तुम अपनी मुझे ।
गुलाबी फूल दोनो हाथो से हमको पकडा दिये ॥
वो इस कदर है चंचल जैसे बच्चो की हो किताब ।
हमको “भ्रमर” जीवन के सब रंग दिखा दिये॥
सोखी देखिये ,बोली चाँद देखिये ॥
जब बोला दो एक तस्बीर तुम अपनी मुझे ।
गुलाबी फूल दोनो हाथो से हमको पकडा दिये ॥
वो इस कदर है चंचल जैसे बच्चो की हो किताब ।
हमको “भ्रमर” जीवन के सब रंग दिखा दिये॥
1 Comments:
सोखी बोले तो ??
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